Best 150+ Mood Off Shayari In Hindi | मूड ऑफ शायरी

जब दिल दुखता है, और मन किसी से कुछ कहने की हालत में नहीं होता, तब Mood Off Shayari हमारे जज़्बातों को बयां करने का सबसे असरदार तरीका बन जाती है। यह शायरी उन लम्हों की आवाज़ होती है, जब हम टूटे होते हैं, लेकिन चुप रहते हैं। चाहे वह किसी अपने की बेरुख़ी हो, अधूरी मोहब्बत हो या ज़िंदगी की थकान—मूड ऑफ शायरी दिल की गहराई से निकले हुए शब्दों में हर दर्द को बयां करती है। यह न सिर्फ़ भावनाओं को हल्का करती है, बल्कि पढ़ने वाले को भी एहसासों से जोड़ देती है।

“चुप हूँ मैं, कोई बात नहीं करना चाहता,
दिल में तू है, पर किसी से नहीं कहना चाहता।”

"चुप हूँ मैं, कोई बात नहीं करना चाहता,दिल में तू है, पर किसी से नहीं कहना चाहता।"

“अच्छा होता अगर तुम समझते,
कभी कभी कुछ ना कहने का भी अपना दर्द होता है।”

“दर्द से ज्यादा थकान इस बात की है,
कि अब किसी को बताने का मन नहीं करता।”

“मुझे यकीन है कि सब ठीक हो जाएगा,
पर इस वक्त मेरी खामोशी सब बयां कर देती है।”

“कभी कभी सारा जहां भी पास हो,
फिर भी दिल अकेला सा लगता है।”

“मन में बहुत कुछ है, पर कह नहीं सकता,
कभी कभी चुप रहना ही बेहतर होता है।”

“जिंदगी की राहों में अजनबी सा लगने लगा हूँ,
मुझे खुद से भी अब प्यार नहीं रहा।”

“इस बेज़ार दुनिया में अब खुद से ही डर लगता है,
कहीं और नहीं, खुद से मोहब्बत का असर नहीं लगता है।”

“न जाने क्यों अब दिल चुप रहने की आदत बना बैठा है,
हर खुशी को एक बोझ सा लगता है।”

“कभी कभी जीने का मन नहीं करता,
बस वक्त गुजरने की तरह महसूस होता है।”

दिल में कुछ टूट सा गया है,
सारे रंग अब मुरझाए से लगते हैं।”

“मन में सवाल हैं, लेकिन जवाब नहीं,
क्या सच में अब कुछ भी बचा है?”

“लोग कहते हैं, सब ठीक हो जाएगा,
पर इस वक्त तो खुद को भी ठीक नहीं पाता।”

“कुछ तो खामोशी में ऐसा असर है,
कि कभी कभी बोलने का भी मन नहीं करता।”

“अजनबी सा हो गया हूँ मैं,
अब खुद से भी कुछ कहने का मन नहीं करता।”

“मुस्कुराना अब एक आदत बन गई है,
वरना दिल के अंदर बहुत दर्द छुपा है।”

“सपनों से उम्मीदें थीं, पर अब सब टूट गईं,
वक्त ने हमें इतनी चुप्प सिखाई है।”

“जब भी तुम पास होते हो,
दिल का दर्द और बढ़ जाता है।”

“अब मन नहीं लगता कहीं,
अपने आप से ही डर लगता है।”

"अब मन नहीं लगता कहीं,अपने आप से ही डर लगता है।"

“ख़ामोशी ही अब मेरा सबसे बड़ा जवाब है,
जितनी बातों से खुद को समझाया है, उतनी बातें अब किसी से नहीं होतीं।”

“कुछ तो है जो दिल में चुप सा रहता है,
वो दर्द है जो हर किसी से नहीं कह सकता।”

“कभी कभी अकेलापन इतना गहरा होता है,
कि अपनों के बीच भी खुद को अकेला महसूस होता है।”

“हर चेहरे की मुस्कान के पीछे एक कहानी है,
लेकिन कभी-कभी, वो कहानी सुनने का मन नहीं करता।”

“इतनी खामोशी में कुछ तो है,
जो शब्दों में नहीं समाता।”

“कभी कभी जिंदगी में इतनी थकावट होती है,
कि मुस्कुराने का मन भी नहीं करता।”

“कभी कभी खुद से भी बात नहीं होती,
इतनी खामोशी में सारा आलम थम सा जाता है।”

“लम्हे गुजर जाते हैं, दर्द नहीं जाता,
दिल में खामोशी का अहसास जिंदा रहता है।”

“हमेशा मुस्कुराते हुए दिखते हैं,
पर अंदर से कुछ टूटा हुआ सा लगता है।”

“क्या बताऊँ, दिल अब कुछ समझ नहीं पाता,
साथ होते हुए भी सब कुछ दूर सा लगता है।”

“इतनी खामोशी में सुकून नहीं मिलता,
जो खो चुका हूँ, वो वापस नहीं मिलता।”

“कभी कभी लोग बहुत पास होते हैं,
पर फिर भी अकेलापन महसूस होता है।”

“सारा दिन दूसरों से बात करते रहते हैं,
लेकिन रात को खुद से ही कुछ नहीं कह पाते।”

“कुछ बातों को जितना छुपाओ,
वो उतनी ही दिल में गहरी गड़ी रहती है।”

“क्या बताऊँ, जो हालात थे, वो अब भी वही हैं,
सिर्फ अब उन्हें महसूस करने की ताकत नहीं रही।”

“दिल में खालीपन सा आ गया है,
सपने भी अब बेमानी से लगते हैं।”

“जब से खुद को खो दिया,
हर चीज़ अधूरी सी लगने लगी है।”

“सब कुछ ठीक है, ऐसा दिखाने की कोशिश करता हूँ,
पर अंदर ही अंदर कुछ टूटता जा रहा है।”

“कोई नहीं समझता, जो दिल में छुपा है,
कभी कभी खुद से भी यही सवाल होता है।”

“अब किसी से उम्मीदें नहीं रखता,
क्योंकि दिल ने हर एक को टूटते देखा है।”

“जिन्हें सबसे ज़्यादा चाहा था,
आज वही हमें खुद से दूर लगने लगे हैं।”

“सपनों में खो जाने का अब मन नहीं करता,
क्योंकि जागते हुए भी लगता है कि खो चुका हूँ।”

“दूसरों के साथ रहने से बेहतर है,
खुद में खो जाना, क्योंकि अब हम खुद से भी डरते हैं।”

“कभी कभी, क्या अच्छा था, क्या बुरा था,
ये सवाल मन में गूंजते रहते हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता।”

“आँखों में आंसू नहीं होते,
पर दिल में दर्द का इज़हार नहीं होता।”

“जो कभी हमारा था, वो अब किसी और का है,
हमने भी खुद को खो दिया है, यह क्या कहूं?”

“मन की चुप्प से समझ पाना मुश्किल है,
दिल में जो चल रहा है, वह शब्दों में नहीं समाता है।”

“जब से खुद से मिलना शुरू किया है,
तब से दुनिया से दूर सा लगने लगा हूँ।”

“खामोशी अब मेरी ताकत बन गई है,
क्योंकि अब मुझे किसी से कुछ कहने का मन नहीं करता।”

"खामोशी अब मेरी ताकत बन गई है,क्योंकि अब मुझे किसी से कुछ कहने का मन नहीं करता।" - Mood Off Shayari

“सारे सपने अधूरे रह गए,
अब हकीकत में जीने का दिल नहीं करता।”

“माना कि मेरी मुस्कान में छुपा दर्द है,
लेकिन अब हंसी में भी कोई सचाई नहीं है।”

“कभी कभी शब्द बहुत कुछ कह जाते हैं,
लेकिन कुछ खामोशियाँ बहुत कुछ बता जाती हैं।”

“जिंदगी की राहों में खो सा गया हूँ,
मन से खुद को अब पहचान नहीं पाता हूँ।”

“जब दिल टूटता है, तो सबकुछ अधूरा लगता है,
तुमसे मिले हुए लम्हे भी अब सच्चे नहीं लगते।”

“अच्छा होता अगर हम कभी न मिले होते,
ताकि अब यह दर्द कभी महसूस न होता।”

“जब सब कुछ खो दिया है, तो अब उम्मीद कैसी,
अब तो दिल में भी कोई उम्मीद बाकी नहीं रही।”

“लोग कहते हैं वक्त सब ठीक कर देता है,
लेकिन कुछ जख्म ऐसे होते हैं, जो कभी नहीं भरते।”

“हमेशा खामोश रहते हैं, क्योंकि शब्दों का कोई असर नहीं होता,
तस्वीरें खिंचवाने से दिल के दर्द का क्या फर्क पड़ता है।”

“कभी कभी दिल को समझाना मुश्किल हो जाता है,
सारे शब्द चुप हो जाते हैं और दिल कुछ नहीं कहता।”

“मैं वही हूँ जो कभी सबके लिए खड़ा था,
अब खुद के लिए भी खड़ा होना मुश्किल हो गया है।”

“कभी खुद को ढूंढते हैं, कभी दुनिया को,
लेकिन कभी कुछ भी नहीं मिलता, जो दिल चाहता है।”

“जबसे तुम दूर हुए, जीने का तरीका भी बदल गया,
अब कोई खुशियाँ अच्छी नहीं लगतीं।”

“लोग कहते हैं ‘तुम तो बहुत मजबूत हो’,
पर अंदर से खुद से लड़ते हुए हार जाता हूँ।”

“हमेशा सबकी ख़ुशी के पीछे भागते रहे,
अब अपनी उदासी को ही समझने का मन करता है।”

“दिल तोड़ कर, लोग चले जाते हैं,
और हम अपनी ख़ामोशी में उन रिश्तों को जीने की कोशिश करते हैं।”

“कुछ दिन ऐसे होते हैं, जब दिल और दिमाग दोनों एक दूसरे से जंग लड़ते हैं,
और हम सिर्फ खामोश रहते हैं।”

“हमसे वादा किया था तुमने, लेकिन तुमने तो कुछ और ही किया,
अब ये सच्चाई दिल में बैठ गई है।”

“खुश रहकर जीने की कोशिश करता हूँ,
पर कभी कभी खुद से भी खुश रहना मुश्किल हो जाता है।”

“इंसान कभी खुशी में होता है, कभी ग़म में,
पर जो दिल से दिल नहीं मिलता, वह हमेशा अकेला होता है।”

 "इंसान कभी खुशी में होता है, कभी ग़म में,पर जो दिल से दिल नहीं मिलता, वह हमेशा अकेला होता है।" - Mood Off Shayari

“बहुत तकलीफ होती है, जब कोई अपना होता है,
और फिर वही अपना आपको छोड़ देता है।”

“क्या कहूँ उस दर्द के बारे में, जो मैं सहता हूँ,
लोग समझते नहीं, मैं खुद भी नहीं समझता।”

“तेरी यादें अब भी मुझे तंग करती हैं,
खामोश रहता हूँ, पर ये अंदर का दर्द नहीं छुपता।”

“चुप रहकर जीने की आदत सी हो गई है,
दिल में दर्द होता है, पर इसे किसी से कहना नहीं आता।”

“हमारे बीच जो था, वो अब यादों में खो गया,
हमने एक-दूसरे को खो दिया, पर दिल नहीं समझा।”

“कभी कभी लगता है कि हम कुछ भी नहीं थे,
सिर्फ एक ख्वाब थे, जिसे अब तक तोड़ा नहीं गया।”

“कुछ कहने का मन नहीं करता,
बस जीने की कोशिश करता हूँ, जबकि कुछ भी सही नहीं लगता।”

“कभी कभी लोग बहुत पास होते हैं,
फिर भी उनका साथ इतना दूर सा लगता है।”

“आंखों में आंसू हैं, पर कोई देखने वाला नहीं,
दूसरों की खुशी में हम खो गए, लेकिन खुद को खो दिया।”

“वो वादा था, जो तुम कभी निभा नहीं पाए,
अब मैं उस वादे से खुद को समझा नहीं पा रहा।”

“कुछ दर्द ऐसे होते हैं, जो कभी खत्म नहीं होते,
और कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जो हमेशा दिल में रहते हैं।”

“मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि तुम यूँ हमें छोड़ जाओगे,
अब तो हमें किसी से भी कोई उम्मीद नहीं रही।”

“तुमसे बिछड़े तो दिल और दिमाग दोनों टूट गए,
अब हर दिन बस खुद को ही संभालते हैं।”

“जब तुम पास थे, सब कुछ ठीक लगता था,
अब तुम्हारे बिना सब कुछ खाली सा लगता है।”

“राहें जुदा हो गईं, लेकिन दिल के जख्म अभी भी हैं,
हमने कुछ खो दिया, जो कभी वापस नहीं मिलेगा।”

“तुमसे मिलने की चाहत अब भी दिल में बसी है,
पर ये दिल अब तुम्हारे बिना कुछ भी महसूस नहीं करता।”

“वो रिश्ते जो कभी सबसे प्यारे लगते थे,
आज वही सबसे ज्यादा दर्द दे जाते हैं।”

“कभी हम खुश रहने की कोशिश करते थे,
अब तो सिर्फ खुद को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।”

“दिल के भीतर इतना गहरा दर्द है,
कि शब्दों से उसे कभी बयां नहीं कर सकते।”

“आजकल खुद से ही कुछ नहीं कहना चाहता,
क्योंकि मैं भी अब खुद को समझ नहीं पाता।”

“तुमसे दूर रहने की आदत सी हो गई है,
लेकिन दिल की खाली जगह अब भी भर नहीं पाई है।”

“दिल में बहुत कुछ है, लेकिन शब्द नहीं मिलते,
कभी कभी चुप रहना ही सबसे बेहतर तरीका लगता है।”

“सपनों में तुम हो, पर जागते हुए एक खामोशी है,
दिल की गहराई में वो दर्द छुपा है, जिसे अब शब्द नहीं मिलते।”

“जो दिल से सबसे करीब था, अब वही दूर सा लगता है,
क्या समझाऊँ खुद को, कभी-कभी रिश्ते भी यूँ ही खत्म हो जाते हैं।”

“एक दिन तुमसे जुड़ी सारी यादें मिटा दूंगा,
लेकिन जो दिल में गहरी खामोशी है, उसे कैसे मिटाऊँ?”

“तुमसे मिलकर लगा था कि सब ठीक होगा,
लेकिन अब तो हर खुशी भी जैसे अधूरी सी लगने लगी है।”

“क्या कहूँ उस दर्द के बारे में, जो मैं खुद से छुपा रहा हूँ,
दूसरों को तो बताता हूँ, लेकिन खुद के लिए मैं ही खामोश हूँ।”

“वो पल जब सब कुछ ठीक था, अब याद आता है,
अब तो वही पल और वही खामोशी है जो हमें खा जाती है।”

“अब कोई सपना पूरा नहीं होता,
क्योंकि मैंने जो खो दिया, वह वापस कभी नहीं मिलेगा।”

"अब कोई सपना पूरा नहीं होता,क्योंकि मैंने जो खो दिया, वह वापस कभी नहीं मिलेगा।" - Mood Off Shayari

“खुद से सवाल करता हूँ, क्या मैं कभी खुश हो पाऊँगा,
पर जवाब नहीं मिलता, क्योंकि दिल का दर्द अब शब्दों से बाहर नहीं आता।”

“तुमसे मिलकर कुछ और उम्मीदें पाल ली थीं,
अब उन उम्मीदों का भी कोई आधार नहीं बचा।”

“क्या बताऊँ इस खामोशी के बारे में,
जो दर्द से ज्यादा महसूस होती है।”

“दिल में चुप सा दर्द है,
अब तो हंसी भी इस दर्द को छुपा नहीं पाती।”

“मुझे अब किसी से बात करने का मन नहीं करता,
हर बात में कोई न कोई खामी दिखाई देती है।”

“कुछ टूट गया है, जो कभी जुड़ा हुआ था,
अब हर चेहरा अजनबी सा लगता है।”

“मन उदास है, लेकिन शब्द नहीं मिलते,
कभी कभी चुप रहना ही सबसे अच्छा लगता है।”

“कभी कभी यह खामोशी बहुत कुछ कह जाती है,
जो शब्द नहीं कह सकते, वह दिल की खामोशी कह देती है।”

“कुछ तो है जो अब मुझे खुद से ही दूर कर रहा है,
इस खामोशी में अब कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है।”

“दिल टूटा है, पर अब रोने का मन नहीं करता,
चुप रहकर ही इस दर्द को सहने का मन करता है।”

“जो कभी मेरे थे, अब वही मुझे खामोश कर गए,
हमेशा हंसने वाला दिल अब सिर्फ खाली सा लगता है।”

“कुछ तो है जो मुझे अंदर से तोड़ रहा है,
वो दर्द, वो खामोशी, अब मुझे जीने नहीं दे रहा है।”

“सपनों में जीने का मन करता था,
अब जागते हुए भी वह खुशियाँ ख्वाब सा लगती हैं।”

“हर किसी से उम्मीदें लगाई थीं,
लेकिन अब इन उम्मीदों से खुद को भी डर लगता है।”

“तुम्हें कभी खोने का डर नहीं था,
लेकिन अब खुद को खोने का एहसास होने लगा है।”

“वो वक्त भी था जब हम साथ थे,
अब वह हर पल दर्द के रूप में बदल गया है।”

“दिल के अंदर बहुत कुछ है,
लेकिन शब्द नहीं मिलते, जो इसे बयान कर सकें।”

“कभी कभी दिल इतना टूट जाता है,
कि खामोशी ही सबसे अच्छा जवाब लगता है।”

“चुप रहकर जीने का मन करता है,
क्योंकि अब शब्द भी सही तरीके से नहीं निकलते।”

“जब भी खुश था, तो दुनिया को दिखाया था,
अब जो अकेला हूँ, तो इसे खुद में छुपाया है।”

“हमने भी बहुत कुछ खो दिया,
अब तो बस उस खोई हुई चीज़ को ढूंढने का मन करता है।”

“कभी कभी दिल की बातें कहने का मन करता है,
लेकिन डर लगता है कि शायद कोई समझ नहीं पाएगा।”

“जिंदगी की उलझनों में हम खो गए,
अब खुद को तलाशने के लिए हर रास्ता फिजूल सा लगता है।”

“तुमसे कुछ ज्यादा उम्मीदें थीं,
पर अब तो उन उम्मीदों का भी कोई असर नहीं होता।”

“कुछ बातें दिल में ही रह जाती हैं,
चाहे कितने भी शब्दों में कहने की कोशिश करो, वह कभी बाहर नहीं आते।”

“आजकल दिल में बहुत खामोशी है,
कभी कुछ कहना चाहा, लेकिन शब्द नहीं मिलते।”

“सिर्फ मुस्कुराना ही नहीं, दिल से मुस्कुराना चाहिए,
क्योंकि किसी को हंसी में दर्द छुपाना नहीं आता।”

“हमारे बीच कोई दूरियाँ नहीं थीं,
लेकिन अब हर दूरी दिल में महसूस होती है।”

“आंखों में आंसू हैं, लेकिन कोई नहीं देखता,
कभी कभी खामोशी ज्यादा कह जाती है।”

“हमसे बहुत उम्मीदें थीं तुमको,
पर अब उम्मीदें ही खत्म हो गईं।”

“खामोशी में भी एक दर्द छुपा होता है,
जो किसी से कह नहीं सकते, वो दिल की बात होती है।”

“कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जो टूट कर भी जुड़ते नहीं,
खुशियाँ आईं, लेकिन हमने अब दर्द को खुद से जोड़ लिया।”

“जो कुछ भी खो दिया, वह कभी वापस नहीं मिलता,
अब तो हम खुद को ही ढूंढते रहते हैं।”

“कभी कभी बुरा लगने वाला सच, सबसे बड़ा सच बन जाता है,
अब उस सच को खुद से ही छुपाना पड़ता है।”

“दिल में जो गहरी खामोशी है,
वो आवाज़ किसी को सुनाई नहीं देती।”

“कुछ तो है जो दिल में छुपा है,
लेकिन शब्द नहीं मिलते, जो इसे बयान कर सकें।”

“रिश्ते बड़े दिल से होते हैं,
लेकिन कभी कभी दिल ही टूट जाता है।”

“क्या कहूँ उस दर्द के बारे में,
जो शब्दों से बाहर नहीं निकलता।”

"क्या कहूँ उस दर्द के बारे में,जो शब्दों से बाहर नहीं निकलता।"

What is Mood Off Shayari?/ मूड ऑफ शायरी क्या है?

मूड ऑफ शायरी वह शायरी होती है, जो तब पढ़ी या लिखी जाती है जब इंसान भावनात्मक रूप से टूटा हुआ होता है। यह शायरी टूटे हुए रिश्ते, धोखा, अकेलापन या मन की निराशा को बयां करती है। इसमें भावनाएं इतनी गहराई से भरी होती हैं कि पढ़ने वाला भी उस दर्द को महसूस करने लगता है।

Why People Read These Shayari’s?/ लोग मूड ऑफ शायरी क्यों पढ़ते हैं?

  • दिल की सच्ची भावना लिखें: शायरी तब असर करती है जब वह दिल से निकले। अपना दर्द छुपाने की बजाय उसे महसूस कर लिखें।

  • छोटे और प्रभावशाली शब्द चुनें: शब्द कम हों लेकिन भाव गहरे हों।

  • राइमिंग का ध्यान रखें: हर पंक्ति में तालमेल और लय होना जरूरी है।

  • भावनाओं का संतुलन रखें: दर्द, तन्हाई और निराशा के साथ कुछ उम्मीद भी झलक सकती है।

Conclusion

Mood Off Shayari केवल शब्दों का खेल नहीं, ये दिल की वो आवाज़ है जो बिना बोले सब कुछ कह जाती है। यह शायरी टूटे हुए दिलों की साथी है, उदास लम्हों की हमराज़ है और कभी-कभी एक राहत भी बन जाती है। शायरी के ज़रिए हम अपने अंदर के बोझ को हल्का कर सकते हैं और खुद को थोड़ा बेहतर महसूस करा सकते हैं।

FAQ’s

प्र1. मूड ऑफ शायरी क्यों पढ़ते हैं लोग?
👉 क्योंकि ये शायरी दिल को सुकून देती है और दुख के समय साथ निभाती है।

प्र2. क्या मूड ऑफ शायरी सिर्फ़ प्यार में धोखा खाने के बाद होती है?
👉 नहीं, यह किसी भी दर्द या अकेलेपन को बयां कर सकती है — चाहे वह दोस्ती का हो, ज़िंदगी का हो या आत्म-संघर्ष का।

प्र3. क्या मूड ऑफ शायरी में उम्मीद हो सकती है?
👉 हाँ, कुछ शायरियाँ दर्द के साथ उम्मीद की एक हल्की किरण भी छोड़ जाती हैं।

प्र4. क्या मैं खुद मूड ऑफ शायरी लिख सकता हूँ?
👉 बिल्कुल! अगर आपके अंदर जज़्बात हैं और उन्हें शब्दों में ढालने की चाह है, तो आप जरूर लिख सकते हैं।

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