100+ Best Mood Off Shayari(मूड ऑफ शायरी)In Hindi

🆕 Ye article last time 13 September 2025 ko update kiya gaya tha.

जब दिल दुखता है, और मन किसी से कुछ कहने की हालत में नहीं होता, तब Mood Off Shayari हमारे जज़्बातों को बयां करने का सबसे असरदार तरीका बन जाती है। यह शायरी उन लम्हों की आवाज़ होती है, जब हम टूटे होते हैं, लेकिन चुप रहते हैं। चाहे वह किसी अपने की बेरुख़ी हो, अधूरी मोहब्बत हो या ज़िंदगी की थकान—मूड ऑफ शायरी दिल की गहराई से निकले हुए शब्दों में हर दर्द को बयां करती है। यह न सिर्फ़ भावनाओं को हल्का करती है, बल्कि पढ़ने वाले को भी एहसासों से जोड़ देती है।

“चुप हूँ मैं, कोई बात नहीं करना चाहता,
दिल में तू है, पर किसी से नहीं कहना चाहता।”

"चुप हूँ मैं, कोई बात नहीं करना चाहता,दिल में तू है, पर किसी से नहीं कहना चाहता।"

“अब मन नहीं लगता कहीं,
अपने आप से ही डर लगता है।”

"अब मन नहीं लगता कहीं,अपने आप से ही डर लगता है।"

“खामोशी अब मेरी ताकत बन गई है,
क्योंकि अब मुझे किसी से कुछ कहने का मन नहीं करता।”

"खामोशी अब मेरी ताकत बन गई है,क्योंकि अब मुझे किसी से कुछ कहने का मन नहीं करता।" - Mood Off Shayari

“इंसान कभी खुशी में होता है, कभी ग़म में,
पर जो दिल से दिल नहीं मिलता, वह हमेशा अकेला होता है।”

 "इंसान कभी खुशी में होता है, कभी ग़म में,पर जो दिल से दिल नहीं मिलता, वह हमेशा अकेला होता है।" - Mood Off Shayari

“अब कोई सपना पूरा नहीं होता,
क्योंकि मैंने जो खो दिया, वह वापस कभी नहीं मिलेगा।”

"अब कोई सपना पूरा नहीं होता,क्योंकि मैंने जो खो दिया, वह वापस कभी नहीं मिलेगा।" - Mood Off Shayari

“क्या कहूँ उस दर्द के बारे में,
जो शब्दों से बाहर नहीं निकलता।”

"क्या कहूँ उस दर्द के बारे में,जो शब्दों से बाहर नहीं निकलता।"

मुस्कुराकर भी जब आंसू छुपाने पड़ें,
तो समझ लो हालात कितने सताने लगे।

दिल टूटा तो आवाज़ तक न आई,
बस आँखें रोईं और रूह चुप रह गई।

लोग कहते हैं वक्त हर जख्म भर देता है,
पर कुछ दर्द उम्रभर साथ रहता है।

सुकून ढूंढते-ढूंढते थक गया दिल,
अब तो तन्हाई ही बन गई मंज़िल।

चेहरे की हंसी झूठी सी लगती है,
दिल की उदासी गहरी अब लगती है।

यादें ही अब साथी रह गईं,
जिंदगी तो बस तन्हा रह गई।

टूटे सपनों का बोझ उठाते हैं,
हर रोज़ खामोशी में जलते जाते हैं।

कभी चाहा था जिनको जीने से ज्यादा,
आज वही दर्द देते हैं मरने से ज्यादा।

आंसुओं से भीगी है हर रात मेरी,
पर किसी को खबर नहीं हालात के मेरी।

हंसी में भी दर्द छुपाना पड़ता है,
हर खुशी को खोकर मुस्कुराना पड़ता है।

टूटे सपनों ने नींद छीन ली है,
दिल की धड़कन भी अब ग़मगीन सी है।

सुकून की तलाश अब थका चुकी है,
हर खुशी मुझसे किनारा कर चुकी है।

दिल की गलियों में अंधेरा ही छाया है,
सपनों का शहर वीरान हो गया है।

रिश्तों की किताब अब खाली हो गई,
ख्वाहिशें भी वक्त की धूल हो गई।

जिन्हें दिल से चाहा वही बेगाने निकले,
मेरे अपने ही दर्द के अफसाने निकले।

“खामोशी से टूटे दिल का हाल कोई क्या जाने, भीगी पलकों के पीछे कितने तूफ़ान हैं, ये कौन माने।”

“रूठ कर चले गए हो तो लौटना मत, हम टूटी चीज़ों को सजाना नहीं जानते।”

“टूट कर चाहा था तुम्हें इस कदर, कि अब खुद से भी मोहब्बत नहीं होती।”

“दिल का बोझ अब छुपाए नहीं जाता, टूटे हुए अरमान को फिर सजाया नहीं जाता।”

“जिससे उम्मीद हो वही जब जख्म दे जाए, तो जिंदगी जीना भी सजा सा लगने लगे।”

“चेहरा मुस्कुराता है मगर दिल रोता है, हर खुशी में भी ग़म का साया होता है।”

“मोहब्बत का दर्द सबको रुलाता है, दिल को तोड़कर इंसान मजबूर बनाता है।”

“अंधेरों में अब रौशनी तलाश नहीं करते, टूटे दिल वाले अब ख्वाब सजाया नहीं करते।”

“तेरे बिना ये दिल अब खाली लगता है, हर लम्हा बस अधूरा सा लगता है।”

“ग़म की चादर ओढ़कर जब नींद आती है, तो सपनों में भी तेरा साया रुलाता है।”

“किसी अपने से मिले धोखे का दर्द, ज़िंदगी भर चैन से जीने नहीं देता।”

“सुकून तो सिर्फ ख्वाबों में मिलता है, हकीकत तो बस दर्द की कहानी सुनाती है।”

“टूटे हुए रिश्ते कभी पहले जैसे नहीं होते, चाहे जितना जोड़ो, दरारें रह ही जाती हैं।”

“यादों का बोझ इतना भारी हो गया है, कि सांसें भी अब बोझिल लगती हैं।”

“टूटा हो दिल तो कोई सहारा नहीं मिलता, जिससे उम्मीद हो वो दोबारा नहीं मिलता।”

“तेरी यादें हर रोज़ रुलाती हैं, तेरे बिना साँसें भी अधूरी रह जाती हैं।”

“अब कोई ख्वाब देखने की चाह नहीं, क्योंकि पूरे होने की कोई राह नहीं।”

“हमने चाहा था बस तुझे पाने के लिए, पर तू चला गया हमें रुलाने के लिए।”

“दिल के जख्म अब भरते ही नहीं, तेरे बिना दिन और रात कटते ही नहीं।”

“टूटे ख्वाब और अधूरी मोहब्बत का हाल, पूछो उस दिल से जो हो चुका है बेहाल।”

“प्यार का इनाम अगर जुदाई है, तो मोहब्बत हर किसी के लिए सज़ा ही है।”

“तुझसे मोहब्बत की थी किसी ख्वाब की तरह, तूने छोड़ दिया मुझे किताब की तरह।”

“पल-पल तेरा इंतज़ार करते हैं, तुझसे ही मोहब्बत बार-बार करते हैं।”

“इश्क़ में दिल हमेशा हार जाता है, जिसे चाहो वही दूर हो जाता है।”

“तेरे बिना अब तो सांसें भी अधूरी हैं, प्यार की राहें अब वीरानी से भरी हैं।”

“प्यार अगर किस्मत से मिलता है, तो मेरा नसीब हमेशा अधूरा ही निकलता है।”

“हर आंसू तेरे नाम की सदा है, तेरे बिना ये ज़िंदगी बस सज़ा है।”

“तेरे बिना अब हंसी भी रोने लगे, दिल के ज़ख्म और गहरे होने लगे।”

“प्यार में दिल हमेशा हार जाता है, जिसे चाहे वही दूर चला जाता है।”

“तुझसे बिछड़कर अब तो ये हाल है, हर सांस में सिर्फ तेरा ख्याल है।”

“मुस्कुराकर भी दर्द छुपाना पड़ता है, लड़कों को अक्सर मज़बूत कहलाना पड़ता है।”

“दिल के जख्म किसी को दिखाए नहीं जाते, मर्द होने के दर्द सुनाए नहीं जाते।”

“हर कोई कहता है लड़के रोते नहीं, पर कौन जाने ये कितनी बातें कहते नहीं।”

“खामोशी में भी बहुत कुछ कह जाता हूँ, मगर मज़बूती के नाम पर सब सह जाता हूँ।”

“मर्द का दिल भी टूटता है, बस आंसू बहाने की इजाज़त नहीं होती।”

“हर दर्द को हंसी में छुपाना पड़ता है, मजबूत होने का नाम निभाना पड़ता है।”

“लड़के भी तनहाई से डरते हैं, बस कह नहीं पाते, चुपचाप सहते हैं।”

“दिल टूटा तो आवाज़ भी ना निकली, दुनिया ने समझा हमें दर्द नहीं छुआ।”

“हम भी रोना चाहते हैं खुलकर, पर हमें रोक लेती है मर्दानगी की परिभाषा।”

“दिल की बातें अक्सर दबानी पड़ती हैं, लड़कों को तो बस खामोश रहना पड़ता है।”

चेहरे पर हंसी, दिल में ग़म छुपाती हूँ, सबको खुश रखकर, खुद को रुलाती हूँ।

आईना भी अब सवाल करने लगा है मुझसे, “कहाँ खो गई वो लड़की जो मुस्कुराती थी हर किसी से?”

रिश्तों की भीड़ में तन्हा सी हो गई हूँ, अपनों के बीच भी पराई सी हो गई हूँ।

ज़िंदगी की राह में मुसाफ़िर सी हो गई हूँ, अपने ही जख्मों से बेख़बर सी हो गई हूँ।

टूटे ख्वाबों की राख में जलती हूँ, हर रोज़ हंसकर भी अंदर से पिघलती हूँ।

वो बातें, वो वादे अब याद दिलाते हैं, खामोश लम्हे मेरी तन्हाई सजाते हैं।

दिल की किताब में दर्द ही लिखे हैं, पलकों के पीछे आंसू ही बिखरे हैं।

खुशियों के पल अब याद नहीं आते, ग़म के साये हर रोज़ सताते।

जिसे अपना कहा वही दूर चला गया, दिल का सुकून जैसे कहीं खो गया।

नज़रें उठाऊँ तो तन्हाई नज़र आती है, मुस्कान के पीछे उदासी छुप जाती है।

टूटे दिल की आवाज़ कोई सुनता नहीं, भीड़ में रहकर भी कोई अपना मिलता नहीं।

हर रिश्ते में अब फासले बढ़ते जाते हैं, दिल के ज़ख्म और गहरे होते जाते हैं।

दिल से चाहा मगर नसीब ने जुदा कर दिया, सपनों का महल पल में ध्वस्त कर दिया।

रातों की तन्हाई अब साथी बन गई, खुशियों की राह मुझसे नाराज़ हो गई।

कभी चाहत की बारिश थी इन आँखों में, आज दर्द की नदियाँ बहती हैं खामोशी से।

सुकून की तलाश अब थका चुकी है, हर खुशी मुझसे किनारा कर चुकी है।

किसी को खोकर जीना सीखना पड़ता है, हर आंसू को चुपचाप पीना पड़ता है।

रिश्तों की भीड़ में अकेला खड़ा हूँ, अपनों के बीच भी पराया सा पड़ा हूँ।

जिसे दिल से अपनाया वही बेगाना निकला, ख्वाबों का रिश्ता सिर्फ अफसाना निकला।

आंसुओं से भीगा चेहरा अब आईना छुपाता है, दिल का दर्द किसी से बयां नहीं हो पाता है।

कभी मोहब्बत थी अब यादों का बोझ है, दिल टूटा तो बस खामोशी का शोर है।

हंसी के पीछे दर्द छुपा लेता हूँ, आंसुओं को तकिए में दबा देता हूँ।

चेहरे की मुस्कान झूठी है 🙂💔 दिल की कहानी टूटी है 🥀

सपनों का शहर वीरान हो गया 🌃💭 दिल का मौसम सुनसान हो गया 🌫️💔

मुस्कुराने की आदत अब गुम हो गई 🙂💨 खुशियों की डगर भी थम गई 🚶‍♂️💔

हर उम्मीद अब बुझ सी गई है 🕯️💔 दिल की ख्वाहिशें मर सी गई हैं ⚰️🥀

तन्हाई अब मेरा साथी है 🌌😔 ग़म ने ही रिश्ता निभाया है 💔🥀

दिल से निकली हर आह खामोश है 😶💭 अब तो ज़िंदगी भी बेहोश है 🌫️💔

दर्द को शब्दों में ढाला नहीं जाता ✍️💔 दिल का हाल अब संभाला नहीं जाता 🥀😔

जिन्हें अपना माना, वही दूर चले गए 🚶‍♀️💔 ज़ख्म दिल के और गहरे हो गए 🩸🥀

हर रिश्ता अब बोझ सा लगता है 🎭💔 अपना भी अब पराया लगता है 😔🥀

मूड ऑफ है, मगर कहना नहीं आता 😶💔 दर्द को अब सहना ही भाता 🌫️🥀

मूड ऑफ है 💔 मगर वजह बताना नहीं चाहता।

चेहरे पर मुस्कान है 🙂 पर दिल में तूफ़ान है 🌪️

आज खामोशी ही सबसे बड़ा जवाब है 🤐💔

दिल टूटा है 🥀 पर अब कोई शिकायत नहीं।

ज़िंदगी हँसी लगती थी, अब बोझ लगती है 🌫️💔

मूड ऑफ है 😔 शायद अब किसी से बात भी नहीं करनी।

जिनसे उम्मीद थी वही तो दर्द दे गए 💔

मुस्कुराता चेहरा भी कभी-कभी धोखा देता है 🙂💔

थक गया हूँ अब रिश्तों से और उनकी नफ़रत से 😶‍🌫️

अब तो खामोशी ही मेरी पहचान बन गई है 🌌🥀

मूड ऑफ शायरी क्या होती है?

मूड ऑफ शायरी वह शायरी होती है, जो तब पढ़ी या लिखी जाती है जब इंसान भावनात्मक रूप से टूटा हुआ होता है। यह शायरी टूटे हुए रिश्ते, धोखा, अकेलापन या मन की निराशा को बयां करती है। इसमें भावनाएं इतनी गहराई से भरी होती हैं कि पढ़ने वाला भी उस दर्द को महसूस करने लगता है।

लोग ये शायरियाँ क्यों पढ़ते हैं?

  • दिल की सच्ची भावना लिखें: शायरी तब असर करती है जब वह दिल से निकले। अपना दर्द छुपाने की बजाय उसे महसूस कर लिखें।

  • छोटे और प्रभावशाली शब्द चुनें: शब्द कम हों लेकिन भाव गहरे हों।

  • राइमिंग का ध्यान रखें: हर पंक्ति में तालमेल और लय होना जरूरी है।

  • भावनाओं का संतुलन रखें: दर्द, तन्हाई और निराशा के साथ कुछ उम्मीद भी झलक सकती है।

निष्कर्ष

मूड ऑफ शायरी केवल शब्दों का खेल नहीं, ये दिल की वो आवाज़ है जो बिना बोले सब कुछ कह जाती है। यह शायरी टूटे हुए दिलों की साथी है, उदास लम्हों की हमराज़ है और कभी-कभी एक राहत भी बन जाती है। शायरी के ज़रिए हम अपने अंदर के बोझ को हल्का कर सकते हैं और खुद को थोड़ा बेहतर महसूस करा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र1. मूड ऑफ शायरी क्यों पढ़ते हैं लोग?
👉 क्योंकि ये शायरी दिल को सुकून देती है और दुख के समय साथ निभाती है।

प्र2. क्या मूड ऑफ शायरी सिर्फ़ प्यार में धोखा खाने के बाद होती है?
👉 नहीं, यह किसी भी दर्द या अकेलेपन को बयां कर सकती है — चाहे वह दोस्ती का हो, ज़िंदगी का हो या आत्म-संघर्ष का।

प्र3. क्या मूड ऑफ शायरी में उम्मीद हो सकती है?
👉 हाँ, कुछ शायरियाँ दर्द के साथ उम्मीद की एक हल्की किरण भी छोड़ जाती हैं।

प्र4. क्या मैं खुद मूड ऑफ शायरी लिख सकता हूँ?
👉 बिल्कुल! अगर आपके अंदर जज़्बात हैं और उन्हें शब्दों में ढालने की चाह है, तो आप जरूर लिख सकते हैं।

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